Thursday, November 6, 2008

यादों की धुप छांव



वोह हंसीन पल फिर याद आए
रात अमावस् की जैसे पूनम हुई
कुर्बान जिंदगी उस पल के लिए
थम जाए चाहे यह वक्त यूँही

यह किस तरेह याद आ रहे हो
यादों में मेरी बुनते चले जा रहे हो
रोक के भी न रोक पाई उस पल को
खता हुई क्या जो उलझते ही जा रहो

तेरे साथ जिए, यूँ बेमिसाल जिए
फिर भी अधूरी लगती यह कहानी क्यूँ है ??
नदी के उन दो किनारों की तरेह
चलते जो संग संग न मिलते कहीं है

तुम क्या जानो प्यार करने वालों को....
आंसू भी बहे.... लेकिन मुस्कुराते

थोड़े ख्वाब थोड़े ख़याल थोड़े अरमान सजाये हमने
एक वोह है, जो बस लेते मजाक मेरे हर जज़्बात का .......

तुम ऐसी मोहब्बत मत करना
होश रहे न जो ख़ुद का भी
ऐसे कदम यूँ मत लेना ...
देखो पलट के, तो याद न करना
बिखरे अनगिनत खवाबों को
गिनता रहा, यूँ फिर न कहना

जिंदगी की भागम भाग में, जीना गए हम भूल
आगे की सोच पीछे की रो, जाल में बुनके रह गए
दिन एक ऐसा फिर आया, लौट के जाना था मुश्किल
हुआ एहसास उन पलों का जो जीए ही नहीं


वो उम्र भी कितनी अच्छी थी
सोचना काम मेरा न था
खेल कूद में सारा वक़्त
सुबह शाम का पता न था
.

काश हमे प्यार ना होता
धड़कता दिल भी ना होता फिर!
एहसास ख़ुशी गम प्यार मोहब्बत का
पत्थर सा क्या नहीं होता फिर ??

दूर है मंजिल, रास्ते पथरीले
चलते तुम जाना . न तुम घबराना

किरण सुबह की लाएगी नया सवेरा
मंजिल पे होके खड़े , भूल हमे न जाना

हमें तो इंतज़ार उस लम्हे का बस
आने से आए जिसके बहार जिंदगी में

क्या जानो तुम, चाहते हैं कितना हम तुम्हे
तेरे साथ के हर लम्हे को, यादों में पिरोया हमने

Wednesday, October 22, 2008

PYAR HAI KYA ???








pyar hai kya ????

ek ehsas apne man ka
hansaya kabhi jisne, kabhi rulaya
nazar ek .....milan do dilo ka ,
rishton ko naam maine na diya
umra bhi kabhi diwar na hui
dena hi yun mera dharam raha
samet saki to sameta un palon ko
saanso main apne jinhe jiya maine

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प्यार है क्या ????
एक एहसास अपने मन का
हंसाया कभी जिसने, कभी रुलाया
नज़र एक .....मिलन दो दिलों का
रिश्तों को नाम मैंने न दिया
उम्र भी कभी दिवार न हुई
देना
ही यूँ मेरा धरम रहा
समेट सकी तो समेटा उन पलों को
सांसो में अपने जिन्हें जिया मैंने

Saturday, September 27, 2008




^^^^naya sawera^^^^

raaste anek , par manzil hai ek
door hai jana , nahi koi theekana
man hai chanchal , kare machal machal
ek pag idhar to ek pag udhar

phir bhi ek kiran aasha ki
prem nagar ho, naya ek raasta
subah ki dhoop, rimjhim bauchar
ya khushboo sondhi miti ki

saath saath jo ho kadam tera
kaise na ho phir ek naya sawera

namita

^^^^^^^नया सवेरा^^^^^^^^

रास्ते अनेक , पर मंजिल है एक
दूर है जाना , नहीं कोई ठिकाना
मन है चंचल , करे मचल मचल
एक पग इधर तो एक पग उधर

फिर भी एक किरण आशा की
प्रेम नगर हो, नया एक रास्ता
सुबह की धुप , रिमझिम बौछार
या खुशबू सोंधी मिटी की

साथ साथ जो हो कदम तेरा
कैसे न हो फिर एक नया सवेरा
नमिता

Tuesday, September 16, 2008




dekha use maine ugte suraj mae
aur dekha dubte ki laali mae
un khile rang birange phoolon mae
koyal ki kuk aur mayur ki piyuh mae
dekha chand ki chandni mae maine
aur dil ki har pukar mae
sabut aur kya dun, uske hone ka maen
tum bhi to ek rachna usi ki ho

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देखा मैंने उसे उगते सूरज में
और देखा डूबते की लाली में
उन खिले रंग बिरंगे फूलों में
कोयल की कुक, मयूर की पियुह में
देखा मैंने चाँद की चांदनी में
और दिल की हर पुकार में
सबूत दूँ और क्या , उसके होने का मैं
तुम भी तो एक रचना उसी की हो ......
................................namita

Saturday, September 13, 2008

MATAJI KI YAAD MAIN

bahu banke jiske aangan main main aayi
aseem pyar ne, uske, bhula diya mujhko bhi .
kabhi beti, kabhi sakhi banke liya sneh maine
aandhi tufan bhi guzar gaye palak jhapakte.
sukh dukh bhi dono ke ek lagne lage
saal baayis jo guzare humne sung sung
kal ki hi jaise baat ho , aisa lage .
ek din aisa bhi aayega socha na tha
reh jayegi jindagi meri aadhi adhuri.
door kahin door chali jayegi kahin
woh jo meri prerna mera utsaah thi
phir bhi na jane kyon ..?
mehsoos yeh hota hai hardam .
yahin kahin aas paas...
roshni hai ..per woh nahin .
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Thursday, September 11, 2008


जगत मैं सबसे ऊंचा तू तुझे हम सीस नवाते हैं
खडे हैं तेरे दर पे हम तुझी को तुझसे मांगते हैं

दया दृष्टी सदा रखना कृपा अपनी हमे देना
मैं हूँ अनजान और नादान ग्यान की भीख मांगते हैं

यह धन दौलत तो कुछ भी नहीं दान भक्ती का हमें देना
सदा रहना मेरे मन मैं दुआ बस यही हम करते हैं

भूल कर भी जो भूल करें मुआफ हमको भी कर देना
पकड़ कर हाथ तुम मेरा दीखाना राह यह चाहते हैं

तेरे दम पे यह रात और दीन यह सत रंग भी तेरे दम पे
रंगे तू जो भी रंग में हमे संग रहना यह चाहते हैं