वोह हंसीन पल फिर याद आए
रात अमावस् की जैसे पूनम हुई
कुर्बान जिंदगी उस पल के लिए
थम जाए चाहे यह वक्त यूँही
यादों में मेरी बुनते चले जा रहे हो
रोक के भी न रोक पाई उस पल को
खता हुई क्या जो उलझते ही जा रहो
तेरे साथ जिए, यूँ बेमिसाल जिए
फिर भी अधूरी लगती यह कहानी क्यूँ है ??
नदी के उन दो किनारों की तरेह
चलते जो संग संग न मिलते कहीं है
फिर भी अधूरी लगती यह कहानी क्यूँ है ??
नदी के उन दो किनारों की तरेह
चलते जो संग संग न मिलते कहीं है
तुम क्या जानो प्यार करने वालों को....
आंसू भी बहे.... लेकिन मुस्कुराते
थोड़े ख्वाब थोड़े ख़याल थोड़े अरमान सजाये हमने
एक वोह है, जो बस लेते मजाक मेरे हर जज़्बात का .......
तुम ऐसी मोहब्बत मत करनाआंसू भी बहे.... लेकिन मुस्कुराते
थोड़े ख्वाब थोड़े ख़याल थोड़े अरमान सजाये हमने
एक वोह है, जो बस लेते मजाक मेरे हर जज़्बात का .......
होश रहे न जो ख़ुद का भी
ऐसे कदम यूँ मत लेना ...
देखो पलट के, तो याद न करना
बिखरे अनगिनत खवाबों को
गिनता रहा, यूँ फिर न कहना
जिंदगी की भागम भाग में, जीना गए हम भूल
आगे की सोच पीछे की रो, जाल में बुनके रह गए
दिन एक ऐसा फिर आया, लौट के जाना था मुश्किल
हुआ एहसास उन पलों का जो जीए ही नहीं
वो उम्र भी कितनी अच्छी थी
सोचना काम मेरा न था
खेल कूद में सारा वक़्त
सुबह शाम का पता न था .
काश हमे प्यार ना होता
धड़कता दिल भी ना होता फिर!
एहसास ख़ुशी गम प्यार मोहब्बत का
पत्थर सा क्या नहीं होता फिर ??
धड़कता दिल भी ना होता फिर!
एहसास ख़ुशी गम प्यार मोहब्बत का
पत्थर सा क्या नहीं होता फिर ??
दूर है मंजिल, रास्ते पथरीले
चलते तुम जाना . न तुम घबराना
किरण सुबह की लाएगी नया सवेरा
मंजिल पे होके खड़े , भूल हमे न जाना
हमें तो इंतज़ार उस लम्हे का बस
आने से आए जिसके बहार जिंदगी में
क्या जानो तुम, चाहते हैं कितना हम तुम्हे
तेरे साथ के हर लम्हे को, यादों में पिरोया हमने
9 comments:
tooooooooo gud!!!!!
ye tou swati ke bunden hain,jo seep mein ja giri hain aur moti ban kar nikli hai.
di,
yeh sab to bunden hain,
baarish ka intzar hai.
सुंदर भावः
मन के अन्तर को कागज़ पर उतरने का प्रयास ही अन्तिम सफलता है
अच्छे लेखन की लिए बधाई
ब्लोगिंग जगत में आपका स्वागत है. खूब लिखें, खूब पढ़ें, स्वच्छ समाज का रूप धरें, बुराई को मिटायें, अच्छाई जगत को सिखाएं...खूब लिखें-लिखायें...
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आप मेरे ब्लॉग पर सादर आमंत्रित हैं.
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अमित के. सागर
(उल्टा तीर)
achha laga padkar likhte roho....
jai ho magal may ho
गज़ब के भाव .
और एक और बात -आपकी प्रोफाइल में लिखे भाव बहुत ही अच्छे हैं .
एक अनुरोध भी -- वर्ड वेरीफीकेशन हटा दीजिये.टिप्पणी करने में आसानी रहेगी
तुम ऐसी मोहब्बत मत करना,
जहाँ खुद का ख्याल ना रह जाये...........
बड़े खूबसूरत भाव बिखेरे हैं
VERY INSPIRING.
वाह वाह क्या बात है! बहुत ही उन्दा लिखा है आपने !
आपकी लिखी हुई ये शायरी बहुत बढिया है !
hey it's vinay... u'd sent me the link on orkut...liked these poems.. But still i feel the one i copied from your profile was the best of yours... what do u think?
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